उत्तराखण्ड राज्य में प्रत्येक जिले में जिला न्यायालय और कुछ तहसील मुख्यालयों में न्यायालयों को राज्य सरकार द्वारा हाइकोर्ट से परामर्श पर स्थापित किया गया है, जो कि मामलों की संख्या, जगह की भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या वितरण को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जिला स्तर पर त्रिस्तरीय न्यायालय व्यवस्था है। विभिन्न स्तरों पर ये जिला न्यायालय, उच्च न्यायालय के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में न्याय उपलब्ध कराते हैं। प्रत्येक जिले में सर्वोच्च न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश का है। यह सिविल क्षेत्राधिकार का मुख्य न्यायालय है, जो राज्य के अन्य सिविल न्यायालयों की तरह अपनी शक्ति मुख्य रूप से बंगाल, आगरा और असम नागरिक न्यायालय अधिनियम, 1887 से प्राप्त करता है। यह सत्र न्यायालय भी है और सत्र संबंधी मामले भी इसी के द्वारा देखे जाते हैं।
न्यायिक अधिकारी 15.04.2017
जिला एवं सत्र न्यायालय, चंपावत
जिला और सत्र न्यायाधीश श्री प्रेम सिंह ख़िलाल
सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिव।) श्री धर्मेंद्र कुमार सिंह (अतिरिक्त प्रभार)
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री धर्मेंद्र कुमार सिंह
सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) श्री आलोक राम त्रिपाठी
न्यायालय, टनकपुर (तहसील – श्री पूर्णनागिरी) चम्पावत
सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) श्री अखिलेश कुमार पांडे
न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राजेंद्र कुमार